tag:blogger.com,1999:blog-3778539081182996205.post6966512169325021972..comments2023-10-03T20:46:28.907+05:30Comments on एक ब्लॉग सबका: श्याम स्मृति- ..असत्य की उत्पत्ति ..एवं हास्य ...ड़ा श्याम गुप्त... Sawai Singh Rajpurohithttp://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3778539081182996205.post-87795811470117760162012-11-19T13:46:25.325+05:302012-11-19T13:46:25.325+05:30धन्यवाद राजेन्द्र जी ...आभार धन्यवाद राजेन्द्र जी ...आभार डा श्याम गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/03850306803493942684noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3778539081182996205.post-59318589148045250602012-11-18T01:17:25.080+05:302012-11-18T01:17:25.080+05:30बहुत सुन्दर प्रविष्टि वाह!
इसे भी अवश्य देखें!
च...बहुत सुन्दर प्रविष्टि वाह!<br /><br />इसे भी अवश्य देखें!<br /><br />चर्चामंच पर एक पोस्ट का लिंक देने से कुछ फ़िरकापरस्तों नें समस्त चर्चाकारों के ऊपर मूढमति और न जाने क्या क्या होने का आरोप लगाकर वह लिंक हटवा दिया तथा अतिनिम्न कोटि की टिप्पणियों से नवाज़ा आदरणीय ग़ाफ़िल जी को हम उस आलेख का लिंक तथा उन तथाकथित हिन्दूवादियों की टिप्पणयों यहां पोस्ट कर रहे हैं आप सभी से अपेक्षा है कि उस लिंक को भी पढ़ें जिस पर इन्होंने विवाद पैदा किया और इनकी प्रतिक्रियायें भी पढ़ें फिर अपनी ईमानदार प्रतिक्रिया दें कि कौन क्या है? सादर -रविकर<br /><br /><a href="http://besurm.blogspot.in/2012/11/blog-post_17.html" rel="nofollow"><b>राणा तू इसकी रक्षा कर // यह सिंहासन अभिमानी है</b></a>चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’https://www.blogger.com/profile/01920903528978970291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3778539081182996205.post-18569325366168545742012-11-17T20:50:54.808+05:302012-11-17T20:50:54.808+05:30हास्य व व्यंग्य के अत्यधिक प्रस्तुतिकरण से समाज मे...<b> </b> <br /><b> हास्य व व्यंग्य के अत्यधिक प्रस्तुतिकरण से समाज में असत्य की परम्परा का विकास, प्रमाणीकरण एवं प्रभावीकरण होता है जो विकृति उत्पन्न करता है | </b> <br /><b> </b> …अवश्य ही यह गुनाह मंचों पर चुटकलेबाज़ हास्य कविता के नाम पर व्यापक पैमाने पर कर रहे हैं ।<br /><b> </b> …<br /><b> डॉ. श्याम गुप्त जी </b> <br /><b> </b> साधुवाद इस संक्षिप्त लेख के लिए ।<br /><b> </b> <b>शुभकामनाओं सहित… </b> <br />राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.com