"पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परमं तपः।
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"पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परमं तपः पितरि प्रीतिमापन्ने प्रीयन्ते
सर्व देवता"
पिताजी के वो डांट फटकार ओर शब्द .. जो बचपन में सिर्फ "खराब शब्द" लगे ...
14 घंटे पहले
आदरणीय डा श्याम गुप्तजी
जवाब देंहटाएंआप को "सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया जोधपुर" , "राजपुरोहित समाज", आज का आगरा और "एक ब्लॉग सबका" की तरफ़ से हार्दिक बधाई ! बहुत बहुत बधाई ! बारम्बार बधाई ! मन से बधाई ! अंतर्मन से बधाई ! दिल से बधाई ! तहेदिल से बधाई ! और आपको सफलता की चरम ऊँचाइयों पर ले जाएँ.. ऐसी कामना... सवाई सिंह
आमंत्रण के लिए आभार..!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ...
जवाब देंहटाएंabhar
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