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    3 दिन पहले

शनिवार, 28 जुलाई 2012

अक्ल बङी या भैंस ?

महामूर्ख दरबार में, लगा अनोखा केस 
फसा हुआ है मामला, अक्ल बङी या भैंस
                       अक्ल बङी या भैंस, दलीलें बहुत सी आयीं
                        महामूर्ख दरबार की अब,देखो सुनवाई
मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस सदा ही अकल पे भारी
भैंस मेरी जब चर आये चारा- पाँच सेर हम दूध निकारा
                     कोई अकल ना यह कर पावे- चारा खा कर दूध बनावे
                      अक्ल घास जब चरने जाये- हार जाय नर अति दुख पाये
भैंस का चारा लालू खायो- निज घरवारि सी.एम. बनवायो
तुमहू भैंस का चारा खाओ- बीवी को सी.एम. बनवाओ
                         मोटी अकल मन्दमति होई- मोटी भैंस दूध अति होई
                         अकल इश्क़ कर कर के रोये- भैंस का कोई बाँयफ्रेन्ड ना होये
अकल तो ले मोबाइल घूमे- एस.एम.एस. पा पा के झूमे
भैंस मेरी डायरेक्ट पुकारे- कबहूँ मिस्ड काल ना मारे
                          भैंस कभी सिगरेट ना पीती- भैंस बिना दारू के जीती
                           भैंस कभी ना पान चबाये - ना ही इसको ड्रग्स सुहाये
शक्तिशालिनी शाकाहारी- भैंस हमारी कितनी प्यारी
अकलमन्द को कोई ना जाने- भैंस को सारा जग पहचाने
                    जाकी अकल मे गोबर होये- सो इन्सान पटक सर रोये
                     मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी
भैंस मरे तो बनते जूते- अकल मरे तो पङते जूते|



क्रपया ध्यान दें : ये रचना मेरी लिखी हुई नही है,ये किसी दोस्त ने भेजी थी मुझे पसंद आने की वजह से मै पोस्ट करके आप सभी तक पहुंचा रहा हूँ.लेकिन ये जिसने भी लिखी है मुझे अच्छी लगी.



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                                    ''आमिर दुबई.,,,


मोहब्बत नामा 
मास्टर्स टैक टिप्स 

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    --
    इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (29-07-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
    सूचनार्थ!

    जवाब देंहटाएं
  2. वाह! आमिर भाई ..क्या बात है...सुन्दर भेंस-पुराण ...

    मंगल भवन अमंगल हारी- भैंस का गोबर अकल पे भारी

    जवाब देंहटाएं
  3. अक्ल होती अगर भैस की,चारा खाकर देती ढूध
    लालू जी ने चारा खाया,निकाल रहे भैसों से दूध,,,,

    RECENT POST,,,इन्तजार,,,

    जवाब देंहटाएं
  4. आज 30/07/2012 को आपकी यह पोस्ट (दीप्ति शर्मा जी की प्रस्तुति मे ) http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर पर लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह...क्या विश्लेषण है....ये लिंक मै अपने फेस बुक से शेयर कर रही हूँ....

    जवाब देंहटाएं
  6. गोबर भारी अक्ल पर,तो भैस से क्या तुलना होए,
    आज जाना के अब तक बस अक्ल का बोझा थे ढोए!

    कुँवर जी,

    जवाब देंहटाएं
  7. रचना हास परिहास से संसिक्त है व्यंजना भी लिए हैं कटाक्ष भी बहरहाल बड़ी तो भैंस ही होती है अक्ल से क्योंकि भैंस में थोड़ी सी अक्ल भी होती है लेकिन अक्ल में भैंस नहीं होती .

    जवाब देंहटाएं

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