Vahi sacche Mitra Hai Baki Sab Moh Maya Hai
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*जेल के गेट पर, हॉस्पिटल के बेड पर और मुकदमे पर पेशी में साथ मिलते है वो
ही मित्र है बाक़ी सब मोहमाया है!*
3 दिन पहले
यह ब्लॉग समर्पित है "सभी ब्लोग्गर मित्रो को"इस ब्लॉग में आपका स्वागत है और साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी! और मैने सभी ब्लॉगों को एकीकृत करने का ऐसा विचार किया है ताकि आप सभी ब्लोग्गर मित्रो खोजने में सुविधा हो सके!
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तो फिर तैयार हो जाईये!
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उत्कृष्ट प्रस्तुति गुरूवार के चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ..
जवाब देंहटाएंवाह....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
आभार.
अनु
बहुत सुन्दर:-)
जवाब देंहटाएंबेहतरीन प्रस्तुति,,,
जवाब देंहटाएंरक्षाबँधन की हार्दिक शुभकामनाए,,,
RECENT POST ...: रक्षा का बंधन,,,,
धन्यवाद धीरेन्द्र जी....जय हिन्दी जय नागरी...
हटाएंबेहतरीन !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुशील जी .....
हटाएंधन्यवाद रीना जी, कनेरी जे, रविकर व एक्सप्रेशन जी...आभार ..
जवाब देंहटाएं--हिन्दी की यह रेल न जाने चलते चलते क्यों रुक जाती....
धन्यवाद रीना जी, कनेरी जे, रविकर व एक्सप्रेशन जी...आभार ..
जवाब देंहटाएं--हिन्दी की यह रेल न जाने चलते चलते क्यों रुक जाती....