श्याम स्मृति ......यह भारत देश है मेरा .......
यह भारतीय धरती व वातावरण का ही प्रभाव है कि मुग़ल जो एक अनगढ़, अर्ध-सभ्य, बर्बर घुडसवार आक्रमणकारियों की भांति यहाँ आये थे वे सभ्य, शालीन, विलासप्रिय, खिलंदड़े, सुसंस्कृत लखनवी -नजाकत वाले लखनऊआ नवाब बन गए | अक्खड-असभ्य जहाजी ,सदा खड़े -खड़े , भागने को तैयार, तम्बुओं में खाने -रहने वाले अँगरेज़ ...महलों, सोफों, कुर्सियों को पहचानने लगे |
यह वह देश है जहां प्रेम, सौंदर्य, नजाकत, शालीनता... इसकी संस्कृति, में रचा-बसा है, इसके जल में घुला है, वायु में मिला है और खेतों में दानों के साथ बोया हुआ रहता है | प्रेम-प्रीति यहाँ की श्वांस है और यहाँ की हर श्वांस प्रेम है |
यह भारतीय धरती व वातावरण का ही प्रभाव है कि मुग़ल जो एक अनगढ़, अर्ध-सभ्य, बर्बर घुडसवार आक्रमणकारियों की भांति यहाँ आये थे वे सभ्य, शालीन, विलासप्रिय, खिलंदड़े, सुसंस्कृत लखनवी -नजाकत वाले लखनऊआ नवाब बन गए | अक्खड-असभ्य जहाजी ,सदा खड़े -खड़े , भागने को तैयार, तम्बुओं में खाने -रहने वाले अँगरेज़ ...महलों, सोफों, कुर्सियों को पहचानने लगे |
यह वह देश है जहां प्रेम, सौंदर्य, नजाकत, शालीनता... इसकी संस्कृति, में रचा-बसा है, इसके जल में घुला है, वायु में मिला है और खेतों में दानों के साथ बोया हुआ रहता है | प्रेम-प्रीति यहाँ की श्वांस है और यहाँ की हर श्वांस प्रेम है |
यह पुरुरवा का, कृष्ण का, रांझे का, शाहजहां का और ताजमहल का देश है.....|
सुन्दर प्रस्तुति,डॉ.साहिब.
जवाब देंहटाएंमेरा देश है महान.
आभार.
उत्तम रचना
जवाब देंहटाएं----धन्यवाद राकेश जी ...काफी समय के उपरांत दर्शन हुए ब्लॉग पर...
जवाब देंहटाएं----धन्यवाद त्यागी जी....
जी हाँ डॉ.साहिब.
हटाएंब्लोग्स पर कम आना जाना हो पा रहा है.
पोस्ट लिखने में भी काफी देरी हो जाती है.
समय मिले तो मेरे ब्लॉग पर दर्शन दीजियेगा जी.
अवश्य ..धन्यवाद ..
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