"पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परमं तपः।
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"पिता धर्मः पिता स्वर्गः पिता हि परमं तपः पितरि प्रीतिमापन्ने प्रीयन्ते
सर्व देवता"
पिताजी के वो डांट फटकार ओर शब्द .. जो बचपन में सिर्फ "खराब शब्द" लगे ...
13 घंटे पहले
समाज में जो होता है अधिकतर लेखन उसी पर आधारित होता है कल्पना के पंख लेखन में और जान दाल देते हैं |
जवाब देंहटाएंआशा
सही कहा आशा जी...धन्यवाद.....
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