जो दिल को चुभ जाये वो प्यार , जो दिल को छु जाये वो दोस्ती
जो झुकाए वो प्यार , जो झुक जाये वो दोस्ती
जो रुलाये वो प्यार , जो हंसी लौटा लाये वो दोस्ती
जो अजमाए वो प्यार , जो कबी न जताए वो दोस्ती
जो छोड़ जाये वो प्यार , जो बिना कहे साथ देने आये वो दोस्ती
जो हमें गम दे वो प्यार , जो गम बांटे वो दोस्ती
जो सबको दुश्मन बनाये वो प्यार , जो सबको अपना बना दे वो दोस्ती
जो लौट आये वो प्यार , जो कबी साथ छोड़ क न जाये वो दोस्ती
जो मजनू राँझा ने न पाया वो प्यार , जो अर्जुन और सुदामा ने पाई वो दोस्ती
प्यार का दूसरा नाम है कुर्बानी , दोस्ती हर हाल में पड़ती है निभानी
प्यार मंजिल है ,दोस्ती रास्ता है ,दोनों का दिल से वास्ता है
जो झुकाए वो प्यार , जो झुक जाये वो दोस्ती
जवाब देंहटाएंजो रुलाये वो प्यार , जो हंसी लौटा लाये वो दोस्ती..
.प्यार और दोस्ती स्वयं ही बहुत खुबसूरत अहसास है..आप ने उसे शब्दों में बाँध कर अमर कर दिया... बहुत सुन्दर..
बेहतरीन प्रस्तुती.....
जवाब देंहटाएंमेरे विचार से प्यार और दोस्ती एक दूसरे के पूरक हैं।
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति |मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वगत है । कृपया निमंत्रण स्वीकार करें । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंसोनू जी ने अच्छे विचार व्यक्त किए हैं. बहुत खूब.
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!यदि किसी ब्लॉग की कोई पोस्ट चर्चा मे ली गई होती है तो ब्लॉगव्यवस्थापक का यह नैतिक कर्तव्य होता है कि वह उसकी सूचना सम्बन्धित ब्लॉग के स्वामी को दे दें!
जवाब देंहटाएंअधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
achchha varnan..
जवाब देंहटाएंATI SUNDAR.
जवाब देंहटाएंप्यार मंजिल है ,दोस्ती रास्ता है ,दोनों का दिल से वास्ता है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर लिखा है h
सुन्दर पोस्ट
जवाब देंहटाएंपोस्ट मन को प्रभावित करने में सार्थक रहा आपका आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया आप सभी का जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!!
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