किसी घायल परिंदे को नजर अंदाज मत करना
किसी की जिन्दगी से इस तरह खिलवाड़ मत करना |
कहीं कोई तुम्हें गम जिन्दगी का खुद सुनाये तो
जरा दिल से उसे सुनना ,कभी इंकार मत करना |
तुम्हें चाहे कोई देना कभी आँखों के दो आँसू
उन्हें लेना वो स्वाति बूँद हैं इंकार मत करना |
कोई प्यासा कभी दो बूँद पानी मांग ले तुम से
उसे जी भर पला देना कभी इंकार मत करना
जहाँ भी शाम हो जाये यदि दे आसरा कोई
उसे स्वीकार कर लेना कभी इंकार मत करना ||
बहुत सुन्दर...
जवाब देंहटाएंकहीं कोई तुम्हें गम जिन्दगी का खुद सुनाये तो
जरा दिल से उसे सुनना ,कभी इंकार मत करना |...
विद्या http://vidyawritesagain.blogspot.in/
hardik abhar swkar kren
हटाएंBahut Hi sundar panktiyan ..
जवाब देंहटाएंकहीं कोई तुम्हें गम जिन्दगी का खुद सुनाये तो
जरा दिल से उसे सुनना ,कभी इंकार मत करना |
कोई प्यासा कभी दो बूँद पानी मांग ले तुम से
उसे जी भर पला देना कभी इंकार मत करना
Behtareen ...
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kripya hardik aabhar swikaren
हटाएं----बहुत सुन्दर गज़ल है...परन्तु नव-गीतिका कहना और भी अधिक सुन्दर है...बधाई...
जवाब देंहटाएं--मेरे विचार से...
"उन्हें लेना वो स्वाति बूँद हैं इंकार मत करना |" = समझ लेना हैं बूंदें स्वाति की इन्कार मत करना।.. शायद अधिक गतिमय लग रहा है
---"जहाँ भी शाम हो जाये यदि दे आसरा कोई..में....= यदि( दो मात्रायें) के स्थान पर अगर( तीन मात्रायें) हो..तो शायद अधिक समुचित रहे...
aabhar bndhu aap ne sneh diya achchha lga
हटाएंबहुत सुंदर रचना,सुंदर प्रस्तुती..
जवाब देंहटाएंaap mere anuj hain aap ka aabhar nhi vykt kr rha hoon aap ko meri annt koti shubhkamayen
हटाएंmain bich me bahr chla gya tha is karm mitron ka aabhar der se vykt kr rha hoon pr sb ka sneh mere sath rhega
= समझ लेना हैं बूंदें स्वाति की इन्कार मत करना।.बहुत सुन्दर|
जवाब देंहटाएंhardik aabhar swikar kren
हटाएंजहाँ भी शाम हो जाये यदि दे आसरा कोई
जवाब देंहटाएंउसे स्वीकार कर लेना कभी इंकार मत करना ||बहुत ही गहरे और सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
kripya aabhar swikar kren prsnnta hogi
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंआपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल दिनांक 06-02-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर भी होगी। सूचनार्थ
aap ka kotish aabhar kripya aabhar swikar kren
हटाएंchrcha mnch ka apaar sneh mil rha hai chrcha mnch privar ka hridy se aabahri hoon
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
जवाब देंहटाएंhardik aabhar vykt krta hoon swikaren
हटाएंbahut achchi bhaavnayen hain in panktiyon me.ek choti si takneeki truti hai theek kar lijiye pani pila ki jagah pala likha hai use theek kar lijiye.umda rachna.
जवाब देंहटाएंkripya aabhar swikar kren
हटाएंकोई प्यासा कभी दो बूँद पानी मांग ले तुम से
जवाब देंहटाएंउसे जी भर पला देना कभी इंकार मत करना
bahut hi sundar ....sarthak aur kalyankari panktiyan ..sadar abhar.
bndhu aap ka hardik aabhar vykt krta hoon swikra kren
हटाएंखूबसूरत प्रस्तुति ...
जवाब देंहटाएंkripya aabhar swikaren
हटाएंkripya aabhar swikar kren
हटाएंaap ka apaar sneh prapt ho rha hai abhibhoot ho aabhaar
जवाब देंहटाएंतुम्हें चाहे कोई देना कभी आँखों के दो आँसू
जवाब देंहटाएंउन्हें लेना वो स्वाति बूँद हैं इंकार मत करना |waah....bahut achcha.
aap kii shridyta kaa hridy se aabhari hoon
हटाएंवाह ...बहुत बढि़या ...
जवाब देंहटाएंaap rchna ko pyar mila hridy se aabhar vykt krta hoon kripya swikr kren
हटाएंबहुत सुंदर पंक्तियाँ !
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar prastuti hai..
जवाब देंहटाएंhamare blog par apka swagat hai
mauryareena.blogspot.com....
yh aap kii shridyta hai kripya hardik aabhar swikar kren
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