धनुष वाण काँधे पर धारे,
मोहक कोमल श्यामल छवि ।
रघुपति राघव नीति विधायक ,
कुल देवता तेजमय रवि ।।
दशरथ नंदन, कौशल्या सुत,
गले में वैजयंती माला ।
जनक नंदिनी के स्वयंबर में,
शिव का धनुष तोड़ डाला ।।
नील कमल सम शोभित लोचन,
रघुकुल तिलक कहे जाते ।
बच्चो! ये भगवान राम हैं,
राजा राम भी कहलाते ।
वन अंचल को दुष्ट जनों से,
निर्भय करने की ठानी ।
वन वन घूमे कष्ट सहे नित,
हार नहीं लेकिन मानी ।
सीता हरण किया रावण ने ,
निज अभिमान दिखाया था ।
कुल के सहित नाश करने हित,
सागर-सेतु बनाया था ।
दक्षिण सागर तट पर शिव का ,
ज्योतिर्लिंग सजाया था ।
इसीलिये वह पावन स्थल,
रामेश्वरम कहाया था ।।
मोहक कोमल श्यामल छवि ।
रघुपति राघव नीति विधायक ,
कुल देवता तेजमय रवि ।।
दशरथ नंदन, कौशल्या सुत,
गले में वैजयंती माला ।
जनक नंदिनी के स्वयंबर में,
शिव का धनुष तोड़ डाला ।।
नील कमल सम शोभित लोचन,
रघुकुल तिलक कहे जाते ।
बच्चो! ये भगवान राम हैं,
राजा राम भी कहलाते ।
वन अंचल को दुष्ट जनों से,
निर्भय करने की ठानी ।
वन वन घूमे कष्ट सहे नित,
हार नहीं लेकिन मानी ।
सीता हरण किया रावण ने ,
निज अभिमान दिखाया था ।
कुल के सहित नाश करने हित,
सागर-सेतु बनाया था ।
दक्षिण सागर तट पर शिव का ,
ज्योतिर्लिंग सजाया था ।
इसीलिये वह पावन स्थल,
रामेश्वरम कहाया था ।।
बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंसरल सहज रचना...बच्चों के लिए उपयुक्त.
रामनवमी की शुभकामनाएँ.
सादर
धन्यवाद एक्सप्रेशन जी...आपके एक्सप्रेशन के लिये आभार .....जय श्री राम.....
हटाएंbahut sundar...
जवाब देंहटाएंramnavami ki hardik shubh kamnaye...
धन्यवाद रीना जी...राम नवमी की शुभ कामनायें
हटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रविष्टि कल दिनांक 2-04-2012 को सोमवारीय चर्चामंच पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ
आभार चन्द्रभूषण जी ....
हटाएंआत्मा तृप्त हुई ।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ।।
dineshkidillagi.blogspot.com
dcgpthravikar.blogspot.com
neemnimbouri.blogspot.com
धन्यवाद रविकर....राम स्वयं परम आत्मा हैं....आत्मा तो प्रसन्न होनी ही चाहिये....
हटाएंबहुत ही अच्छी अभिव्यक्ति .
जवाब देंहटाएंआभार
जवाब देंहटाएंरामनवमी की शुभकामनायें!
सवाई सिंह
धन्यवाद सवाई सिन्ग जी....आपको भी राम नवमी की शुभ कामनायें..
हटाएंरामनवमी की बधाई ,बच्चों के लिए सुंदर व् ज्ञानवर्धक रचना
जवाब देंहटाएंधन्यवाद रीना पन्त जी ... पधारने हेतु
हटाएंbahut pyaari,baal sulabh, shri ram ke vishay me likhi kavita.
जवाब देंहटाएंध्न्यवाद राजेश कुमारी जी.....आपको पसंद आयी...आभार
हटाएंसुन्दर गीत है भाई साहब कथात्मक शैली में .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद बीरू भाई जी..... कलापक्ष पर टिप्पणी हेतु.... बच्चों के लिये ....मेरे विचार में कथ्यात्मक, अभिधा शैली ही सहज़ सम्प्रेष्य रहती है...आभार...
हटाएंबहुत बढ़िया रचना,सुंदर भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन पोस्ट,....
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: मै तेरा घर बसाने आई हूँ...
धन्यवाद धीरेन्द्र जी...
हटाएंसुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संगीता जी....
हटाएंसुंदर गीत....
जवाब देंहटाएंश्री राम नवमी की सादर बधाईया
आपको भी बधाइयां हबीब जी...
हटाएंहबीब = शुद्ध सोने का एक तोले वाला रुपया ..
वन अंचल को दुष्ट जनों से,
जवाब देंहटाएंनिर्भय करने की ठानी ।
वन वन घूमे कष्ट सहे नित,
हार नहीं लेकिन मानी ।
new
धन्यवाद पन्थी जी ....महाजना: येन गतो स पन्था ..
हटाएंसंवेदनशील अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंधनुष वाण काँधे पर धारे,
जवाब देंहटाएंमोहक कोमल श्यामल छवि ।
रघुपति राघव नीति विधायक ,
कुल देवता तेजमय रवि ।।
दशरथ नंदन, कौशल्या सुत,
गले में वैजयंती माला ।
जनक नंदिनी के स्वयंबर में,
शिव का धनुष तोड़ डाला ।।
बहुत खूब पंक्तियाँ
धन्यवाद अन्कित....जय दशरथ नन्दन की ..
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