एक ब्लॉग सबका में आप सभी का हार्दिक सुवागत है!

आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं!

यह ब्लॉग समर्पित है "सभी ब्लोग्गर मित्रो को"इस ब्लॉग में आपका स्वागत है और साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी! और मैने सभी ब्लॉगों को एकीकृत करने का ऐसा विचार किया है ताकि आप सभी ब्लोग्गर मित्रो खोजने में सुविधा हो सके!

आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं

तो फिर तैयार हो जाईये!

"हमारे किसी भी ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है!"



यहाँ प्रतिदिन पधारे

  • Vahi sacche Mitra Hai Baki Sab Moh Maya Hai - *जेल के गेट पर, हॉस्पिटल के बेड पर और मुकदमे पर पेशी में साथ मिलते है वो ही मित्र है बाक़ी सब मोहमाया है!*
    6 दिन पहले

गुरुवार, 12 अप्रैल 2012

ग़ज़ल की गज़ल... डा श्याम गुप्त....


       . ग़ज़ल होती है --       
शेर मतले का रहे , तो ग़ज़ल होती है ।
शेर मक्ते का रहे,  तो ग़ज़ल होती है ।

रदीफ़ औ काफिया रहे,तो ग़ज़ल होती है ,
बहर हो सुर ताल लय हो,वो ग़ज़ल होती है।

पाँच से ज्यादा हों शेर, तो ग़ज़ल होती है ,
बात खाशो-आम की हो, वो ग़ज़ल होती है।

ग़ज़ल की क्या बात यारो, वह तो ग़ज़ल होती है ,
ग़ज़ल की हो बात जिसमें, वो ग़ज़ल होती है।

ग़ज़ल कहने का भी इक अंदाजे ख़ास होता है,
कहने का अंदाज़ जुदा हो, तो ग़ज़ल होती है।

ग़ज़ल तो बस इक अंदाजे -बयाँ  है श्याम ,
श्याम' तो जो कहदें,  वो ग़ज़ल होती  है॥

11 टिप्‍पणियां:

  1. वाह...................

    गज़ल भी ज्ञान भी..............
    लाजवाब....

    शुक्रिया.

    जवाब देंहटाएं
  2. ग़ज़ल तो बस इक अंदाजे -बयाँ है श्याम ,
    श्याम' तो जो कह दें, वो ग़ज़ल होती है॥

    ...वाह, वाह!...क्या बात है!

    जवाब देंहटाएं
  3. उत्तर
    1. धन्यवाद चन्द्रभूषण जी....सही कहा....

      उल्फ़त होती है तो गज़ल होती है।
      वरना हर कविता सजल होती है।

      हटाएं

एक ब्लॉग सबका में अपने ब्लॉग शामिल करने के लिए आप कमेन्ट के साथ ब्लॉग का यू.आर.एल.{URL} दे सकते !
नोट :- अगर आपका ब्लॉग पहले से ही यहाँ मौजूद है तो दोबारा मुझे अपने ब्लॉग का यू.आर.एल. न भेजें!

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

लिखिए अपनी भाषा में

मेरी ब्लॉग सूची