यह हिंदी में त्रि पदी नाम की नई विधा है आप को इस हिम पर ही कुछ त्रि पदी भेज रहा हूँ इस हम को समर्पित करते हुए
दिल बर्फ न बन जाये
इसे सुलगते रहना
ये सर्द न बन जाये |
ये बर्फ जमाये तो
सांसों को गर्म रखना
जब सर्द बनाये तो |
ये सर्द हवाएं हैं
ये प्यार के रिश्तों में
बस बर्फ जमाये हैं |
किस र को बताओगे
जो बर्फ सी यादें हैं
किस २ को सुनाओगे|
यादें कैसे भूलूँ
ये बर्फ सी जम जातीं
उन को कैसे भूलूँ |
ये केश हैं अम्मा के
ये बर्फ के जैसे हैं
बीते दिन अम्मा के |
डॉ. वेद व्यथित
09868842688
Nahi vidha par apki post bahot sunder hai.
जवाब देंहटाएंbhai swai singh ji aap ka pyar pun: yhan khinch laya hai hardik aabhar
हटाएंAapka abhar is po$t k liye..:-)
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबहुत खूब....
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें डॉ वेद व्यथित !
aadrniy bhai stish ji aap ka sneh pa kr abhibhoot ho jata hoon hardik aabhar swikar kren
हटाएंबढ़िया प्रस्तुति डाक्टर ।
जवाब देंहटाएंपैरा के बीच में अन्तराल रहे तो
पढने का आनंद और बढ़ जाये ।
सादर ,
bhai rvi ji aap ne apntv se is aur ingit kya bhut sukhd prtit huaa
हटाएंyh net ke karn ho gya hai anytr ye rchnayen antr de kr hi prkashi hui hain
aap ke apntv bhav ke liye aabhari hoon
--वाह! रविकर....समीक्षक भी बनते जा रहे हो....गुड..
जवाब देंहटाएं--सही कहा...त्रिपदी हैं तो ..हर त्रिपदी के बाद अन्तराल तो होना ही चाहिये...अन्यथा एक कविता लगती है...
--- अच्छे भाव हैं...
--- वैसे बहुत से त्रिपदी,त्रिपदा छंद प्रचलित हैं..साहित्य जगत में..
Very very Nice post
जवाब देंहटाएंbndhu nirntr aap meri rchna ko pyar dete hain bhut 2 hardik aabhar
हटाएंबढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंaap ke sneh ke liye hardik aabhar vykt krta hoon kripya swikar kren
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