एक ब्लॉग सबका में आप सभी का हार्दिक सुवागत है!

आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं!

यह ब्लॉग समर्पित है "सभी ब्लोग्गर मित्रो को"इस ब्लॉग में आपका स्वागत है और साथ ही इस ब्लॉग में दुसरे रचनाकारों के ब्लॉग से भी रचनाएँ उनकी अनुमति से लेकर यहाँ प्रकाशित की जाएँगी! और मैने सभी ब्लॉगों को एकीकृत करने का ऐसा विचार किया है ताकि आप सभी ब्लोग्गर मित्रो खोजने में सुविधा हो सके!

आप भी इसमें शामिल हो सकते हैं

तो फिर तैयार हो जाईये!

"हमारे किसी भी ब्लॉग पर आपका हमेशा स्वागत है!"



यहाँ प्रतिदिन पधारे

रविवार, 21 अक्तूबर 2012







       क्यों हम आज भी शेक्सपियर आदि के पुराने ह्त्या, जादू आदि से भरे नाटकों को ही दिखाते, दोहराते जा रहे हैं...क्या कभी हमने अपने प्राचीन नाटकों ...प्रसाद के ध्रुवस्वामिनी  या मृच्छकटिकम आदि संस्कृत के , भारतेंदु जी के नाटकों आदि को सामान्य जन को दिखाने का प्रयास किया है ..
         कब होंगे हम मुक्त गुलामी से, सांस्कृतिक गुलामी से ..... सारे ब्रिटिश उपनिवेश देश आखिर क्यों ढो रहे हैं यह गुलामी .... कब वे अपनी मानसिक गुलामी, दासता से मुक्त होंगे? चाहे कला जगत हो,,, चित्रकला या नाटकाकार, सिने-कर्मी, शासन स्थित अधिकारी जन ... आदि प्रवुद्धजन कब अपना दायित्व समझेंगे, अपनी संस्कृति, राष्ट्र, समाज के प्रति | क्या सिर्फ नेताओं को गाली या दोष देने से ही सब कुछ होजायागा, क्या नेता ही दोषी हैं ....  सर्वाधिक दायित्व कला व साहित्य वर्ग का होता है जो समाज में अच्छाई या बुराई आरोपित करने में मुख्य भूमिका में होता है |
 
        यदि वारिष्ठ कलाविद आदि ही अपनी संस्कृति, समाज व राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को उचित प्रकार से नहीं समझेंगे व निभाएंगे तो ....आज व कल के युवा को संस्कारहीन  कहने का  कोसने का आपको क्या अधिकार है |

3 टिप्‍पणियां:

एक ब्लॉग सबका में अपने ब्लॉग शामिल करने के लिए आप कमेन्ट के साथ ब्लॉग का यू.आर.एल.{URL} दे सकते !
नोट :- अगर आपका ब्लॉग पहले से ही यहाँ मौजूद है तो दोबारा मुझे अपने ब्लॉग का यू.आर.एल. न भेजें!

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...

लिखिए अपनी भाषा में

मेरी ब्लॉग सूची