मै आमिर दुबई से ,एक ब्लॉग सबका पर आज टिपण्णी के बारे में कुछ चर्चा करूँगा.एक बार सुबह सुबह मैंने अपना इमेल बॉक्स चेक किया तो देखा की मास्टर्स टैक टिप्स ब्लॉग में मेरी एक तकनिकी पोस्ट पर किसी ने कमेन्ट दिया की ''सुन्दर रचना.''और एक बार इसी तरह मोहब्बत नामा पर मैंने कोई ग़ज़ल लिखी थी जिस पर किसी ने जल्दबाजी में कमेन्ट दिया की ''बहुत अच्छी जानकारी.'' मै इस कमेन्ट को पढ़कर मुस्कुराकर रह गया.
असल में ऐसा होता कब है इस पर मैंने थोडा सा गौर किया.कई लोग ऐसे भी होते हैं की जिन्होंने एक वर्ड पेज पर कई तरह के कमेंट्स लिख कर सेव किये हुए होते हैं.लिहाज़ा वो ब्लॉग पर आते हैं और शायद आर्टिकल पूरा पढने की जहमत भी नही करते होंगे सीधे ही एक कमेन्ट कोपी करके पेस्ट कर देते होंगे.इसी वजह से सीधे का उल्टा और उलटे का सीधा हो जाता होगा.अब आप शायद सोच रहे होंगे की ऐसे लोगों को कमेंट्स देने की भी क्या जरुरत होगी.तो इसका जवाब ये है की जब तक आप ब्लोगों पर जा जा कर कमेंट्स नही देंगे ,आपके ब्लॉग पर कमेंट्स देने कोई नही आएगा.ये बात वो ब्लोगर्स अच्छी तरह से जानते होंगे जो कहीं पर भी कमेंट्स नही देते.इसमें सिर्फ फिमेल ब्लोगर्स ही ऐसी हैं जिनको कहीं जाने की शायद जरुरत ही ना पड़े.उनके तो हर पोस्ट पर काफी लोग सेवा भाव से ही कमेंट्स दे जाते हैं.इसकी वजह है हमारे समाज में नारी को ज्यादा सम्मान दिया जाता है.ये उसकी एक झलक है.खैर , फिर आजकल रस्मी कमेंट्स का भी प्रचलन काफी पाया जाता है.रस्मी कमेंट्स से शायद आपका भी वास्ता पड़ा होगा.मै आपको रस्मी कमेंट्स की कुछ झलकियाँ बताता हूँ..
१.अच्छी जानकारी.
२.सुन्दर रचना.
३.आभार.
४.अतिसुन्दर
५.शुभकामनायें.
६.बधाई.
७.सराहनीय
८.अच्छी पोस्ट
९.सुन्दर प्रस्तुती.वगैरा .
ऐसी बहुत सारी रस्मी टिप्पणियां हैं जो शायद आपने भी कई बार देखी पढ़ी होंगी.इनमे बहुत सारे लोग कापी पेस्ट करके ही काम चलाते हैं.किसी की पोस्ट आपने पढ़ी ,और आपको पसंद आई ,तो आप दिल से उसके लिए कुछ शब्द कहिये ताकि लिखने वाले की मेहनत कुछ हद तक तो वसूल हो.
इस पोस्ट का लिखने का मेरा मकसद है किसी भी आर्टिकल की सच्ची तारीफ़ के लिए प्रेरित करना.किसी भी पोस्ट पर कमेन्ट देने के लिए जरुरी है पहले उस पोस्ट को पढ़ लेना.जब तक हम उस पोस्ट को पढेंगे नही तब तक उसके बारे में अपने विचार नही रख सकते.एक बार तसल्ली से पोस्ट को पढ़ लेना चाहिए.चाहे वो कविता हो ,या कोई रचना हो ,या नज़म या ग़ज़ल हो ,या कोई कहानी हो , या कोई जोक्स हों ,जिस तरह की भी पोस्ट हो उसे एक बार आवश्य पढ़ लेना चाहिए ताकि उस पर कमेंट्स उसकी लेखन के मुताबिक ही दिए जा सकें.
कहाँ कैसे कमेंट्स दिए जाने चाहिए ?
कमेंट्स हमेशा ऐसे हों जो उस पोस्ट के सब्जेक्ट से मिलते हों.जो किसी रचना की गहराइयों में खोकर लिखे जाएँ.या किसी कहानी में डूब कर लिखे जाएँ.किसी आर्टिकल को पढ़कर लेखक की सोच के बारे में अपने कमेंट्स दिए जाने चाहिए.यानि जहाँ जैसा मौका हो वहां वैसे ही कमेंट्स दिए जाने चाहिए.अगर आप शायर हैं तो आप शायरी या चंद अशआर के रूप में उसके लिए कमेंट्स दे सकते हैं.अगर आप कवी हैं तो कविता के रूप में कमेंट्स दे सकते हैं.अगर आप लेखक हैं तो अच्छे अलफ़ाज़ को तलाश कर कमेंट्स दे सकते हैं.किसी सामूहिक ब्लॉग पर कमेंट्स करना हो तो सिर्फ ''अच्छी प्रस्तुती ,सुन्दर चर्चा ,वगैरा लिखने के बजाय आप उस चर्चा के पोस्ट्स के बारे में कुछ लिखें.उन लिनक्स के बारे में अपनी राय रखें.या नये ब्लोगर्स की होंसला अफजाई करें.
''आपके चंद तारीफी जुमले ,लेखक के दिल को छू सकते हैं ,उसे बेहतर लिखने के लिए प्रेरित कर सकते हैं.
''जैसी तारीफ़ आप अपने लिए पसंद करते हैं वैसी ही दूसरों के लिए पसंद करनी चाहिए.''
''किसी पोस्ट पर अपनी राय तब कायम करनी चाहिए जब दिल उसकी तारीफ़ के लिए खुद प्रेरित करे.''
''अगर आप किसी पोस्ट पर रस्मी कमेन्ट करते हैं ,तो आपकी पोस्ट पर भी लोग रस्मी कमेंट्स ही कर सकते हैं.''
''कमेंट्स ये वो दौलत है जिसे देकर आप किसी का दिल जीत सकते हैं,और किसी का दिल तोड़ भी सकते हैं.''
''आपका एक अच्छा कमेन्ट जो दूसरों को आपके बारे में जानने के लिए प्रेरित कर देता है.और दूसरों को आपके ब्लॉग तक खिंच कर लाता है.आपके पाठक बनाये रखता है.
''आपके अच्छे कमेंट्स ही आपको हर दिल अजीज बना सकते हैं.और आपको दूसरों से अलग करके सबमे नुमाया करते हैं.
''किसी पोस्ट पर कमेन्ट करना हो तो दिल से करें ,सिर्फ रस्म की अदायगी ना करें.इसको आप यूँ समझें की अगर हम किसी की मेहमान नवाजी बेहतरीन करेंगे ,तो हमारी मेहमान नवाजी बुरी तो नही की जाएगी.
आखिर में आप सभी से माफ़ी तलब करते हुए इस दिखावे की दुनिया से बाहर आकर दिल से लिखने ,और दिल से कमेंट्स करने की गुजारिश करता हूँ.आपने अगर मेरा ये आर्टिकल पढ़ा है ,तो इस पर दिल खोलकर अपनी राय रख सकते हैं.अगर आप मेरे विचारों से सहमत हैं तो आज से ही ये रस्मी टिप्पणियां बंद करें.और पहले पोस्ट को पढ़कर बाद में अपनी राय कायम करें.
'आपको ये पोस्ट कैसी लगी ? अपनी राय निचे कमेन्ट बॉक्स में जरुर दें.और अगर ब्लॉग पसंद आई ,तो आज ही ज्वाइन कर लीजिये ,और इमेल्स के जरिये नई पोस्ट्स प्राप्त कीजिये.
''आमिर दुबई.,,,
मोहब्बत नामा
मास्टर्स टैक टिप्स
उपयोगी सलाह आपने दी है. मेरा विचार है कि कुछ महीने की ब्लॉगिंग के बाद ब्लॉगर इन तथ्यों को समझने लगते हैं. महिला ब्लॉगरों को आराम से कमेंट मिल जाते हैं यह आंशिक रूप से सत्य हो सकता है. समीर लाल को बहुत कमेंट मिलते हैं और धड़ाधड़ मिलते हैं. प्रवीण पांडे और सतीश सक्सेना भी बहुत अधिक कमेंट पाने वालों में हैं. लेकिन यह जटिल मनोवैज्ञानिक क्रिया है कि आप किस ब्लॉग को पढ़ेंगे और उस पर कैसा कमेंट करेंगे.
जवाब देंहटाएंबिलकुल....टिप्पणी को औपचारिक रूप से नहीं किया जाना चाहिए...
जवाब देंहटाएंकभी कभी मैंने देखा है कि किसी ने मौत जैसे दुखद समाचार पर पोस्ट लिखी और टिप्पणी में लोग लिख गए..वाह बेहतरीन पोस्ट.
अब बताएं क्या करें???
महिलाओं को भी टिप्पणी मुफ्त में नहीं मिलती...टिप्पणी ज्यादा पाने के ये रास्ते हैं..
१- आप हर ब्लॉग पर जाए...पढकर ईमानदार टिप्पणी दें.
२- अच्छा लिखें
३- विवादपूर्ण विषय से महिलायें दूर भागती हैं..
बस,..
शुभकामनाएं
अनु
पूरे विषय को पढ़कर, विभिन्न ब्लॉग पर, 10-12 अच्छी टिप्पणी
जवाब देंहटाएंकरने के बाद एक आभार भी वापस नहीं मिलता तब दुःख होता है ।।
अर्थ टिप्पणी का सखे, टीका व्याख्या होय ।
ना टीका ना व्याख्या, बढ़ते आगे टोय ।
बढ़ते आगे टोय, महज कर खाना पूरी ।
धरे अधूरी दृष्टि, छोड़ते विषय जरुरी ।
पर उनका क्या दोष, ब्लॉग पर लेना - देना ।
यही बना सिद्धांत, टिप्पणी चना-चबैना ।।
सही जालकारी दी है आपने!
जवाब देंहटाएंये तो सही कहा आपने ..........तू मुझ पर और मै तुझ पर टिप्पणी करू इस चक्कर मे जब बंदे को सैकडो टिप्प्णी करनी पडें तो शार्ट में काम चलाना पडता है ..........
जवाब देंहटाएंअरे हां मै भूल गया आप मेरा ब्लाग अपना ब्लाग में शामिल करें तो खुशी होगी मेरा यू आर एल है
जवाब देंहटाएंwww.onetourist.blogspot.com
पहली टिप्प्णी कहां गयी पता नही पर दूसरी छप गयी कोई बात नही वो स्पैम में हो सकता है चली गयी हो
जवाब देंहटाएंजब एक एक दिन मे कई कई या कहिये बडे ब्लोगरो को तो कई सौ ब्लागस पर टिप्पणी करनी पडे तेा शार्ट में ही काम चलाना होगा ना
जो रस्मी कमेंट करते हैं वे भी ये बात जानते हैं जो आप समझा रहे हैं। वे आगे भी ऐसे ही कमेंट करेंगे। सवाल नीयत का है, ज्ञानी तो सभी हैं।:)
जवाब देंहटाएंभाई आपनेसही कहा ऐसा होता है लेकिन बहुत बात जब हम किसी कविता या गजल पर कमेन्ट करना होता तो उसको पढने के बाद ये कमेन्ट किये जा सकते है जेसे ,सुन्दर रचना, अतिसुन्दर वाह क्या गजल है.......... आदि
जवाब देंहटाएंअब आपकी पोस्ट पर भी ये ही लिखना चाहते है वाह बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती, मजा आ गया और बहुत ही उपयोगी सलाह दी है आपने ...सादर धन्यवाद.आपका छोटा भाई
नो कमेन्ट......
जवाब देंहटाएंटिप्प्णी करने के
जवाब देंहटाएंमिलने लगेंगे
अगर पैसे
तब बताओ
आमिर कौन
करेगा टिप्पणी
और करेगा कैसे ?
भाई आमिर जी नमस्कार .आप नए ब्लोगर होकर भी काफी अनुभवी लगते हैं .आपकी भाषा -शैली काफी बड़े ब्लोगर से मिलती है .जहाँ तक कमेन्ट की बात आपने सही लिखा है या ये कहे ऐसा लगता है कि आप स्वयं इस विषय के अच्छे जानकार हैं .
जवाब देंहटाएंहाहाहा आलेख के माध्यम से इतना समझाया फिर भी देख रही हूँ यहीं पर वो क्या जो आपने अभी अभी कहा रस्मी !!!कुछ नहीं हो सकता कई तो ब्लॉग विजिट करके भी बैरंग कि तरह लौट जाते हैं गोया कि कोई ख़राब चीज देख ली हो ....फिर भी यूँ कहूँगी चुप किस लिए रहना जो बात खटकती है दिल में उसे बाहर लाना ही चाहिए पर इस समस्या पर सकारात्मक भाव मन में लायें तो कह सकते हैं .......फूल तोड़ने से अच्छा है सूंघ कर निकल जाना ,ये क्या कम है उन्होंने मेरे बाग़ में शिरकत तो की.....बधाई आमिर भाई
जवाब देंहटाएंवाकई आज आप सभी ने दिल खोलकर इस पोस्ट पर अपनी राय रखी है.मुझे ख़ुशी है की ये पोस्ट काफी लोगों को पसंद आई.आप सभी का दिल से शुक्रिया ,आभार.
जवाब देंहटाएंमोहब्बत नामा
मास्टर्स टेक टिप्स
हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई
जवाब देंहटाएंब्लॉग जगत में जबसे आया
कुछ न कुछ लिखता ही आया
मन आनन्दित हो जाता है,जब कोई टिप्पणी मिल गई
हाय टिप्पणी व्यथा बन गई
कविता,गीत,लेख,लिख पाता
सौ-सौ बार ब्लॉग पर जाता
एक टिप्पणी ढूढ़ रहा हूँ ,गैरो की दस बीस हों गई
हाय ,टिप्पणी व्यथा बन गई
जिन ब्लागों पर मै हूँ जाता
और टिप्पणी करके आता
गणना उनकी करता रहता ,बीस किया उन्नीस मिल गई
हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई,,,
विक्रम जी की रचना,,,,
आप से भला इस बारे मे कौन बहस कर सकता है ... आजकल आपका और आपके सहयोगी मित्रो का कमाल तो देख ही रहे है हम सब ... ;-)
जवाब देंहटाएंकारगिल युद्ध के शहीदों को याद करते हुये लगाई है आज की ब्लॉग बुलेटिन ... जिस मे शामिल है आपकी यह पोस्ट भी – देखिये - कारगिल विजय दिवस 2012 - बस इतना याद रहे ... एक साथी और भी था ... ब्लॉग बुलेटिन – सादर धन्यवाद
sundar post aur us par sundar tippaniya !
जवाब देंहटाएंab kya kren phone se jab bhi koyi bada comment karta hun gayab ho jata hai. Yahan bhi kiya or lo gayab .
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