यह सच है कि दीन- हीन में दीनानाथ बचते हैं।
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।!*आज का सुविचार!।*
*दूसरे व्यक्ति को उसके दुख से बाहर निकालने से बड़ा और बेहतर कोई काम नही!
दुनिया में आने वाले सभी अवतार/ सन्त महात्मा ने यही किया!*
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2 माह पहले
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (27-08-2016) को "नाम कृष्ण का" (चर्चा अंक-2447) पर भी होगी।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'