उनके पीछे 'मा' होता है |
चाहे धर्मात्मा, महात्मा,
आत्मा हो अथवा परमात्मा ||
जो महान सत्कर्म जगत के,
उनके पीछे 'माँ'होती है|
चाहे हो वह माँ कौसल्या,
जीजाबाई या यशुमति माँ||
पूर्ण शब्द माँ, पूर्ण ग्रन्थ माँ ,
शिशुवाणी का प्रथम शब्द माँ |
की पहली सीढ़ी होती माँ ||
माँ अनुपम है वह असीम है,
क्षमा दया श्रृद्धा का सागर |
कभी नहीं रीती होपाती,
माँ की ममता रूपी गागर ||
माँ मानव की प्रथम गुरू है,
सभी सृजन का मूल-तंत्र माँ |
विस्मृत ब्रह्मा की स्फुरणा,
वाणी रूपी मूल-मन्त्र माँ ||
सीमित तुच्छ बुद्धि यह कैसे,
कर पाए माँ का गुण गान |
'श्याम' करें पद-वंदन माँ ही ,
करती वाणी-बुद्धि प्रदान ||
नमन माँ |
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ||
माँ अनुपम है वह असीम है,
जवाब देंहटाएंक्षमा दया श्रृद्धा का सागर |
कभी नहीं रीती होपाती,
माँ की ममता रूपी गागर ||
बहुत खूब
MY RECENT POST ,...काव्यान्जलि ...: आज मुझे गाने दो,...
बहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - माँ दिवस विशेषांक - ब्लॉग बुलेटिन
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