यह सच है कि दीन- हीन में दीनानाथ बचते हैं।
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।!*आज का सुविचार!।*
*दूसरे व्यक्ति को उसके दुख से बाहर निकालने से बड़ा और बेहतर कोई काम नही!
दुनिया में आने वाले सभी अवतार/ सन्त महात्मा ने यही किया!*
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2 माह पहले
समाज में जो होता है अधिकतर लेखन उसी पर आधारित होता है कल्पना के पंख लेखन में और जान दाल देते हैं |
जवाब देंहटाएंआशा
सही कहा आशा जी...धन्यवाद.....
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