तुम जैसे हो, वैसे ही अनमोल हो।
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*तुम जैसे हो, वैसे ही अनमोल हो।दुनिया कुछ भी कहे,अपने वजूद और अपने सामान को
कभी मत खोना।हालात कितनी भी मुश्किल क्यों न हो,अपनी पहचान, अपनी प्रतिभा और
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2 हफ़्ते पहले
समाज में जो होता है अधिकतर लेखन उसी पर आधारित होता है कल्पना के पंख लेखन में और जान दाल देते हैं |
जवाब देंहटाएंआशा
सही कहा आशा जी...धन्यवाद.....
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